IOB: 18,000 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के समाधान की उम्मीद इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के तहत चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में है!
PP सेनगुप्ता जोकि इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के प्रबंध निदेशक है उन्होंने कहा कि कहा कि हम चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में लंबित 18,000 करोड़ रुपये के एनपीए के मामलों के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
हमारे बही खातों में एनसीएलटी में कुछ बड़े खातों के समाधान से सुधार होगा इसके अलावा बैंक अगले वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) व्यवस्था से बाहर आने की उम्मीद कर रहा है।
बैंक ने मार्च तक एनपीए खातों के समाधान और ऋण की मांग बढ़ने से अपने सकल एनपीए को 10 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दूसरी तिमाही में बैंक का सकल एनपीए कुल ऋण का घटकर 13.04 प्रतिशत रह गया। सितंबर, 2019 के अंत तक यह 20% था।
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