राजस्थान में शिक्षक बनना चाह रहे युवा बेसब्री से रीट नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने वह वजह बताई जिसके चलते राजस्थान बोर्ड (आरबीएसई) को रीट नोटिफिकेशन जारी करने में देरी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोटासरा ने बताया कि रीट लेवल-1 में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल करने को लेकर फिर से विचार किया जा रहा है। इसके लिए एक बार फिर से एनसीटीई की गाइडलाइन की समीक्षा की जा रही है। इसके कारण रीट नोटिफिकेशन जारी होने में देरी हो रही है। बहुत जल्द ही इस पर फैसला ले लिया जाएगा।
32000 हो सकती है वैकेंसी
रीट के जरिए होने वाली 31000 शिक्षकों की भर्ती की संख्या बढ़कर 32000 हो सकती है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 282 सरकारी स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक हजार नए पद स्वीकृत किए हैं। कुछ दिनों पहले इन स्कूलों को राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल से राजकीय माध्यमिक स्कूल में क्रमोन्नत किया गया था। विभाग ने इन स्कूलों में लेवल-1 के 407 और लेवल-2 के 564 पद स्वीकृत किए हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि ये अतिरिक्त भर्तियां रीट की 31 हजार भर्तियों के साथ निकाली जा सकती है।
रीट एग्जाम पैटर्न इस तरह से सेट करने की तैयारी की जा रही कि राजस्थान के युवाओं को इसका फायदा मिले। राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि दो विषयों में एनसीटीई की गाइडलाइन का पालन करते हुए राजस्थान के भूगोल व राजस्थान की कला संस्कृति के सवाल को जोड़ने के लिए राजस्थान बोर्ड को निर्देश जारी किए गए हैं। राजस्थान का सामान्य ज्ञान परीक्षा में जोड़ने जाने से प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक फायदा पहुंचाने की तैयारी है।
रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा में अब अंकों के वेटेज में बड़ी राहत दी गई है। रीट के फाइनल सेलेक्शन में जहां 90 फीसदी परीक्षा में प्राप्तांकों का आधार रहेगा तो वहीं स्नातक के अंकों का आधार 10 फीसदी कर दिया गया है। पहले रीट परीक्षा के 70 फीसदी और स्नातक के 30 फीसदी अंकों के आधार पर चयन हुआ करता था। लंबे समय से स्नातक के अंकों के वेटेज को कम करने की मांग की जा रही थी।
डोटासरा ने कहा, ‘पूर्व सरकार के समय में वेटेज सिस्टम 70-30 का था जिसमें संशोधन करके 90-10 का किया गया है।’
इससे पहले गुरुवार को शिक्षा विभाग ने रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा में विभिन्न वर्गों को पासिंग मार्क्स में रियायत देने का ऐलान किया। कई वर्गों को पात्रता अंकों में छूट दी गई। आदेश के मुताबिक रीट आरक्षित वर्गों को पात्रता अंकों में 5 फीसदी से लेकर 20 फीसदी अंकों तक की रियायत मिलेगी। रीट में विभिन्न श्रेणियों के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक इस प्रकार निर्धारित किए गए हैं।
अनुसूचित जनजाति (ST) – 55 (नॉन टीएसपी), 36 (टीएसपी)
अनुसूचित जाति (SC), ओबीसी, एमबीसी व आर्थिक कमजोर वर्ग – 55 अंक (नॉन टीएसपी व टीएसपी)
समस्त श्रेणी की विधवा और परित्यक्ता महिलाएं एवं भूतपूर्व सैनिक – 50 अंक (टीएसपी व नॉन टीएसपी)
दिव्यांग – 40 अंक (टीएसपी व नॉन टीएसपी)
सहरिया जनजाति – 36 अंक (टीएसपी व नॉन टीएसपी)
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